शनिवार, 16 मार्च 2024

Hindi kavita || तेरे पलकों से गिरते आसुओ को थाम के देखूँ ||



तेरे पलकों से गिरते आसुओ को थाम के देखूँ 



HINDI KAVITA. KILLER ANISH.




तेरे पलकों से गिरते आसुओ को थाम के देखूँ 
अगर ये शाम है तो मैँ तुझे हर शाम को देखूँ 


न देखूँ तुझको देखने के बाद कोई भी मंजर 
जो देखूँ  खुद को सरेआम तो  नीलाम मैं देखूँ 


खरीद ले तू मुझे ऐ मेरे हमदर्द , हमराही 
मै जिंदगी की शाम देखूँ  तुझे थाम के देखूँ   



"अनीष"  यूँ ही नहीं जिंदगी अपनी हुई जन्नत 
जो देखता हूँ तुझे खुद को लगे राम मैं देखूँ   ।। 


शायर :- अनीष राज  . 


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