शनिवार, 16 मार्च 2024

Hindi kavita || child marriage || balika wadhu || बालिका वधू ।।

 Hindi kavita || child marriage|| social evil || balika wadhu || बालिका वधू ।। poetry ||


माँग में जब सिंदूर रोती है

तब बालिका वधू होती है

आँखो से आँसू झड़ते है

घरवाले रोते बिफड़ते है

कंठ कंठ भर्राए हुए

होठ होठ थर्राए हुए

यौवन के दहलीज पर

वो बैठी है शरमाए हुए

जब अरमानो की आहूति

हवनकुंड में जलती है

जब सपनो की दुनिया

अंधकार में खोती है

तब बालिका वधू होती है ।।

कुछ होती है विवशता भी

और धन दहेज की चिंता भी

कुछ चिंता होती सम्मान की

बेटी की भविष्य के प्राण की

ना चाहते हुए भी

माँ बाप की बेटी से दूरी होती है

तब बालिका वधू होती है ।।

कौन सोचे नन्ही बिटिया की

कौन सोचे उसकी सुख दुख की

यहाँ आज भी बेटी बोझ है

बेटी माँ की जली हुई कोख है

और माँ की ममता रोती है

तब बालिका वधू होती है।।

Sayar/poet :_  ANISH RAJ.
KILLER ANISH .

hindi kavita , youtube channel link:-



youtube channel link:-
https://www.youtube.com/channel/UCpAskrUPvNEll2nZRewu_fw

BLOG



Killer Anish.

Anish Raj.
Subscribe my youtube channel :-
HINDI KAVITA . KILLER ANISH.

Youtube channel link
                              ↓


Hindi kavita Killer Anish
                   ↓

Killer Anish blog 
              ↓



KILLER ANISH THE WORLD OF KNOWLEDGE BLOG
                             ↓







2 टिप्‍पणियां:

Thank you. 🌹🌹🌹🌹🌹.