रविवार, 16 जून 2019

मुहब्बत में मजहबी बहाना और है . MUHABBAT MEIN MAJHABI BAHANA AUR HAI . HINDI KAVITA. KILLER ANISH.


मुहब्बत में मजहबी बहाना और है 



MUHABBAT MEIN MAJHABI BAHANA AUR HAI


HINDI KAVITA. KILLER ANISH.


मुहब्बत में मजहबी बहाना और है
गर दिल नहीं लगाना ये फसाना और है ।

तुम समझती हो कि मैं कुछ नहीं समझता
ये समझना और है समझाना और है ।

बुरा हूँ लाख सही सीने में इक दिल है मेरे भी
ये तुम नहीं समझती मैं समझता हूँ और है ।

बस दूर जाना है तुम्हें मुझसे चली जाओ बेशक
हम मर जाएगें तुम्हें क्या ये जमाना और है ।।


शायर / कवि :- अनीष राज 
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