शनिवार, 22 जून 2024

यूं बेरूखी से तेरा मुकर जाना

यूं बेरुखी से तेरा मुकर जाना मुझे गंवारा ना हुआ
तू कहता था कि है मेरा पर तू हमारा न हुआ 

क्या करोगे ऐसे स्वार्थ भरे जीवन का सनम 
मुझसे वफा कर न सके किसी और से वफा न निभाओ

जिस्मों जा को तलब है तुम्हारी मरने के हद तक 
यूं तलब का दरिया सनम दूरियों से न सुखाओ

कई सैलाब उठते है जिगर में तूफान की तरह 
बवंडर इश्क का है "अनीष" इसे हवा मत बनाओ

जो मेरे न हो सके किसी और के क्या होगे तुम 
या खुदा ! हमें उनके लिए और न तड़पाओ ।।

चांद की कश्ती में

चांद की कश्ती में इक जहां है हमारा 
जहां न तुम हो हमारे , न कोई है हमारा 

वो चांद भी मेरे दु:ख से सिमट सा गया है 
यहां कौन है हमारा और कौन है तुम्हारा 

मैं चाहता हूं कि तुम्हें उस दु:ख से निकाल लूं 
और ले चलूं वहां जहां तुम रहो हमारी और मैं रहूं तुम्हारा ।।

Anish ; 26/6/2024. 9:00 p.m  

शनिवार, 16 मार्च 2024

Hindi kavita || तेरे पलकों से गिरते आसुओ को थाम के देखूँ ||



तेरे पलकों से गिरते आसुओ को थाम के देखूँ 



HINDI KAVITA. KILLER ANISH.




तेरे पलकों से गिरते आसुओ को थाम के देखूँ 
अगर ये शाम है तो मैँ तुझे हर शाम को देखूँ 


न देखूँ तुझको देखने के बाद कोई भी मंजर 
जो देखूँ  खुद को सरेआम तो  नीलाम मैं देखूँ 


खरीद ले तू मुझे ऐ मेरे हमदर्द , हमराही 
मै जिंदगी की शाम देखूँ  तुझे थाम के देखूँ   



"अनीष"  यूँ ही नहीं जिंदगी अपनी हुई जन्नत 
जो देखता हूँ तुझे खुद को लगे राम मैं देखूँ   ।। 


शायर :- अनीष राज  . 


BLOG


hindikavita07.blogspot.com


Killer Anish.

Anish Raj.
Subscribe my youtube channel :-
HINDI KAVITA . KILLER ANISH.

Youtube channel link
                              ↓


Hindi kavita Killer Anish
                   ↓

Killer Anish blog 
              ↓



KILLER ANISH THE WORLD OF KNOWLEDGE BLOG
                             ↓
killeranishtheworldofknowledge.blogspot.com





             THANKS FOR READING.





Hindi kavita || बेवफाई इससे बिगड़ी और क्या होगी ||


बेवफाई इससे बिगड़ी और क्या होगी 


HINDI KAVITA KILLER ANISH



बेवफाई इससे बिगड़ी  और क्या  होगी 
तुमने वफ़ा की आड़ में दिल जलाया है 


जा तू भी बदनीब हो जा बेवा की तरह 
ये सजा जो तुझको दी है वो खुद को सुनाया है 


ए मौला मुझको तू दोजख की  आग में जला 
इक बेवफा से मैंने अपना दिल लगाया है 


यूँ जिन्दा रहना मरके भी रहने से है बदतर 
तुझसे जो दिल लगाया तो खुद को गंवाया  है 


तुझसी महबूबा मिले न दुश्मन  को भी कभी 
ए "अनीष" तूने क्यू ये अपना दिल लगाया है  । । 


कवि :- अनीष राज

BLOG


hindikavita07.blogspot.com


Killer Anish.

Anish Raj.
Subscribe my youtube channel :-
HINDI KAVITA . KILLER ANISH.

Youtube channel link
                              ↓

Hindi kavita Killer Anish
                   ↓

Killer Anish blog 
              ↓


KILLER ANISH THE WORLD OF KNOWLEDGE BLOG
                             ↓



हिंदी कविता || सर्द राहों पे याद ओढ़े चला जाता हूं || Hindi kavita ||


 सर्द  राहों पे याद ओढ़े चला जाता हूं


 सर्द  राहों पे याद ओढ़े चला जाता हूं
 उसकी आंखों में डूब डूब के उतराता हूं 


खुली किताब सी जो बरसों मेरे साथ रही
उसी से आजतलक ना जाने क्यों घबराता हूं 


बड़ी मायूस थी वो उसके बिछड़ने के वक्त से 
जिसे मैं दिल की धड़कनों में बसाता हूं 


यही बात उसकी मुझको तोड़ देती हैं 
अजीब बात है मैं उससे दिल लगाता हूं 


वो तो पाक है हर शै में इबादत की तरह 
वो मुस्कुराती है तो मैं भी मुस्कुराता हूं


तमाम उम्र जिसकी याद में गुजरी , ऐ "अनीष" 
आज सीने से लगा उसको सुकूं पाता हूं ||





कवि :- अनीष राज





Telegram channel name :-  Killer Anish official
Telegram channel link :- https://t.me/killeranish
YouTube channel name :- KILLER ANISH
Blog name :- KILLER ANISH
Blog :- HINDI KAVITA
Youtube channel name :- HINDI KAVITA
Twitter Name :- Author Anish (Killer Anish)
Twitter link :- Take a look at Author anish (KILLER ANISH) (@author_anish): https://twitter.com/author_anish?s=09
Instagram name :- killer_anish07
YouTube channel name :- Archive.
YouTube channel name :-
DHARMIK RAHASYA
KILLER ANISH THE WORLD OF KNOWLEDGE BLOG
                             ↓
killeranishtheworldofknowledge.blogspot.com





Thanks for reading. 🌹❤🌹



Hindi kavita || child marriage || balika wadhu || बालिका वधू ।।

 Hindi kavita || child marriage|| social evil || balika wadhu || बालिका वधू ।। poetry ||


माँग में जब सिंदूर रोती है

तब बालिका वधू होती है

आँखो से आँसू झड़ते है

घरवाले रोते बिफड़ते है

कंठ कंठ भर्राए हुए

होठ होठ थर्राए हुए

यौवन के दहलीज पर

वो बैठी है शरमाए हुए

जब अरमानो की आहूति

हवनकुंड में जलती है

जब सपनो की दुनिया

अंधकार में खोती है

तब बालिका वधू होती है ।।

कुछ होती है विवशता भी

और धन दहेज की चिंता भी

कुछ चिंता होती सम्मान की

बेटी की भविष्य के प्राण की

ना चाहते हुए भी

माँ बाप की बेटी से दूरी होती है

तब बालिका वधू होती है ।।

कौन सोचे नन्ही बिटिया की

कौन सोचे उसकी सुख दुख की

यहाँ आज भी बेटी बोझ है

बेटी माँ की जली हुई कोख है

और माँ की ममता रोती है

तब बालिका वधू होती है।।

Sayar/poet :_  ANISH RAJ.
KILLER ANISH .

hindi kavita , youtube channel link:-



youtube channel link:-
https://www.youtube.com/channel/UCpAskrUPvNEll2nZRewu_fw

BLOG



Killer Anish.

Anish Raj.
Subscribe my youtube channel :-
HINDI KAVITA . KILLER ANISH.

Youtube channel link
                              ↓


Hindi kavita Killer Anish
                   ↓

Killer Anish blog 
              ↓



KILLER ANISH THE WORLD OF KNOWLEDGE BLOG
                             ↓